*सुरक्षा के उपाय*
अपनी श्वास नली एवं फेफड़ों को शुद्ध रखने हेतु प्रतिदिन नेति, कपालभाति, भस्त्रिका, अनुलोम विलोम और सूर्य नमस्कार अवश्य करें।
अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध रखने हेतु कपूर, देसी गाय का शुद्ध घी, देसी गाय के गोबर के कंडे जलाकर थोड़ा धुआँ करें या प्रतिदिन प्रातः सायंकाल अग्निहोत्र करें।
स्नान करते समय पलाश के फूलों का रस अथवा नीम की पत्तियों का रस पानी में मिलाकर स्नान करें।
किसी भी बाजार के केमिकल युक्त सैनिटाइजर से अच्छा नीम की पत्ती या पलाश के फूलों का रस मिला हुआ जल है। इसलिए उसी से हाथ धोएं।
साबुन के स्थान पर देसी गाय के गोबर के कंडे जलाकर बनाई गई राख का उपयोग बहुत अच्छा होगा।
सर्दी जुकाम न हो इसलिए प्रातः काल दूध या दूध से बने पदार्थ न लें।
इसके अतिरिक्त मिल्क चॉकलेट, मावा, बेकरी पदार्थ, तले हुए पदार्थ, दही, बासी छाछ, कैरी, खट्टे या कच्चे फल, बासी भोजन, करौंदा, सिंघाड़ा, उड़द, अलसी का तेल, चावल, हरी सेम, सेब, अंगूर, आलू, कच्चा मूली का साग, आइसक्रीम, बर्फ या फ्रिज का पानी, कोल्ड्रिंक, आदि न लें।
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